स्मृतिशेष: प्रो. जय राम तिवारी
अब जब कोरोना काल के बाद पूर्वांचल प्रथम को नए सिरे से, संयोजित किया जा रहा है, तो बार-बार आपकी याद आ रही है। २२ अप्रैल २०२१ में कोरोना ने आपको न छीन लिया होता तो इस समय आपकी बहुत मदद होती। आप गुरु थे। बहुत अच्छे इंसान और हमदर्द थे। मुझे और पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान को हमेशा आपका आशीर्वाद रहा। यकीन नहीं हो रहा कि अब आप नहीं हैं। २५ अगस्त, २०१८ को काशी विद्यापीठ में आप पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान के अश्लीलता विरोधी अभियान को सम्बोधित करने आये।
फिर आपके साथ जिगना, भभुआ में औघड़ संत प्रियदर्शी राम के अवधूत आश्रम और वहां से मुंडेश्वरी माता के दरबार में गया। वहां से कीनाराम बाबा के बनारस क्रींकुण्ड आश्रम में वापसी हुई। आप अवधूत भगवन राम के परम भक्त थे और अवधूत पंथ से अभिन्नता से जुड़े थे।
आप मारीभाँग लेस्लीगंज पलामू के मूल निवासी थे। लेस्लीगंज का हाई स्कूल स्वतन्त्रता सेनानी रहे आपके पिताजी के प्रयास से स्थापित हुआ था। देश और दुनिया को लेकर, आप सदैव बेबाक राय रखते थे। पलामू से आपको गहरा लगाव था।
आपकी स्मृति अक्षुण्य रहेगी। परम प्रणम्य , जे एन कॉलेज रांची के राजनीति शास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष स्व. डॉ. जय राम तिवारी, गुरुवर हम पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान के लोग आपको दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। -ओम प्रकाश