इसलिए श्रमिकों को मार रहे आतंकवादी  घाटी में फंसे हैं ५ लाख से ज्यादा श्रमिक

जम्मू-कश्मीर।  हालांकि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए जी-जान से जूझ रही हैं, लेकिन टारगेट किलिंग से श्रीनगर से लेकर जम्मू तक आतंक का साया मंडरा रहा है। श्रीनगर और जम्मू दोनों स्टेशनों पर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ लगी हुई है।  समझा जा रहा है कि इस समय केवल घाटी में ही ५ लाख से अधिक प्रवासी मज़दूर हैं।  
कश्मीर में पांच अक्टूबर के बाद से पांच प्रवासियों की हत्या हो चुकी है। जिसमें बिहार के चार मजदूर-रेहड़ी वाले हैं और उत्तर प्रदेश के एक मुस्लिम कारपेंटर भी शामिल है। इससे पहले एक स्थानीय सिख और हिंदू शिक्षक की हत्या कर दी गई थी। मशहूर दवा कारोबारी कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंद्रू को भी आतंकियों ने मार दिया था। लगातार हो रहे टारगेट किलिंग से वहां बाहरी लोगों और प्रवासी मजदूरों में डर का माहौल है। 

जम्मू-कश्मीर में चल रहे कई विकास परियोजनाओं में करीब 90 फीसदी प्रवासी मजदूर निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं। अनुमान के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में बाहर से तीन-से चार लाख मजदूर हर साल काम के लिए घाटी जाते हैं। उनमें से अधिकांश सर्दियों की शुरुआत से पहले चले जाते हैं,  जबकि कुछ साल भर वहीं रह जाते हैं। बताया जाता है कि लगभग राज्य के हर जिले में बिहार और यूपी से आए मजदूर हैं। 

जम्मू-कश्मीर में  एक बार फिर से 90 के दशक में शुरू हुई टारगेट किलिंग जैसा माहौल बनाकर डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस बार यह माहौल आतंकियों और चरमपंथियों की ओर से कुछ विशेष वजह से बनाया जा रहा है। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से कश्मीर में अमन बहाली और फिर से कश्मीरी पंडितों और अल्पसंख्यकों को दोबारा घाटी में बसाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों को कमजोर करने के लिए आतंकी संगठन ऐसा कर रहे हैं।

इसमें तीन प्रमुख ऐसी वजह है जो घाटी के चरमपंथियों और आतंकवादियों को हजम नहीं हो रही है। दहशत फैलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के दि रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकवादियों ने कश्मीर में 90 के दशक जैसा माहौल और दहशत फैलाने के लिए टारगेट किलिंग शुरू की है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक बहुत जल्द ही न सिर्फ टीआरएफ के आतंकवादी बल्कि जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन से वास्ता रखने वाले आतंकवादियों का खात्मा कर दिया जाएगा।

दरअसल केंद्र सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने, स्थानीय लोगों को रोजगार देने और अमन बहाली के लिए जो फैसले लिए और जो तैयारियां कि वह आतंकी संगठनों को हजम नहीं हो रही है। सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन और चरमपंथियों को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हो रही है कि केंद्र सरकार कश्मीर में हिंदुओं को बसाने से पहले 90 के दशक में उनकी जमीन जायदाद और प्रॉपर्टी को जिस तरीके से हथियाया गया था उसको वापस दिलाने के लिए रेवेन्यू कोर्ट तैयार किए जाएं।

कब्जा की गई जमीनों को वापस दिलाने के लिए रेवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालतें तैयार
दरअसल केंद्र सरकार ने जबरदस्ती हड़पी गई जमीनों को वापस दिलाने के लिए कश्मीर में रेवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालतें तैयार की है। इन कोर्ट में कश्मीरी पंडित और दूसरे अल्पसंख्यक लोग अपने दस्तावेजों को सबमिट कर अपनी जमीनों को वापस पाने का दावा पेश कर रहे हैं। क्योंकि उस दौरान ज्यादातर आतंकी संगठन और उससे वास्ता रखने वाले लोगों ने उस पर कब्जा कर लिया था या उनसे बहुत कम कीमत पर खरीद लिया था। जिससे अब इन कोर्ट के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया के तहत उनको वापस मिलने की उम्मीद जाग गई है। आतंकी संगठन और चरमपंथियों को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हो रही है कि 90 के दशक में कब्जा की गई जमीनों को वापस हिंदुओं को या अल्पसंख्यकों को दिया जाए ताकि वह यहां आकर अपनी गुजर-बसर करें। 

इसके अलावा अभी तक कश्मीर में डोमिसाइल का मामला राज्य सरकार के अधीन था। लेकिन धारा 370 हटने के साथ डोमिसाइल प्रक्रिया अब केंद्र के दिशानिर्देशों के मुताबिक शुरू हुई है। पूरे देश भर में रह रहे कश्मीरियों के डोमिसाइल प्रमाण पत्र उनको ना सिर्फ ऑनलाइन बल्कि जिस राज्य में जो भी कश्मीरी रह रहा है उसको विशेष कैंप लगाकर ऑफलाइन भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। कश्मीरी मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि पहले कश्मीरी लड़कियों की शादी अगर राज्य से बाहर होती थी तो उनको कश्मीर में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने का हक नहीं बनता था। लेकिन नई व्यवस्था के मुताबिक अब कश्मीर की अगर किसी लड़की की शादी देश के किसी दूसरे प्रांत के किसी भी व्यक्ति से हुई है तो न सिर्फ लड़की बल्कि जिसके साथ शादी हुई है उसके परिवार को भी कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने का हक होगा और वह वहां का निवासी माना जाएगा।

कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर एसके डार कहते हैं अलगाववादी नेता और आतंकियों के साथ-साथ चरमपंथियों को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हो रही है क्योंकि इससे कश्मीर में सारे देश के लोग आकर अपना आशियाना भी बना सकते हैं और वहां बस भी सकते हैं। धारा 370 के हटने के बाद वैसे भी कश्मीर में रोजगार से लेकर वहां बसने और उद्योगों को लगाने से लेकर तमाम तरह से जीवन स्तर को ऊपर उठाने के रास्ते आसान हो गए हैं। यह बात भी चरमपंथियों और आतंकवादियों को हजम नहीं हो रही है।  

तीसरी और सबसे अहम बात यह है जिस तरीके से कश्मीर में बीते कुछ दिनों में आतंकी संगठन से संबंध रखने वाले लोगों को सरकार ना सिर्फ नौकरियों से बर्खास्त कर रही है बल्कि उनके साथ कड़ाई से पेश भी आ रही है जो स्थानीय चरमपंथियों को नागवार गुजर रही है। प्रोफेसर डार कहते हैं दरअसल घाटी में मौजूद आतंकी संगठन और चरमपंथी यह बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि केंद्र सरकार की नई योजनाओं को आसानी से लागू करने दिया जाए। क्योंकि कश्मीर के लिए केंद्र सरकार की जो योजनाएं हैं वह न सिर्फ शांति बहाली के लिए हैं बल्कि जो लोग कश्मीर से वापस चले गए हैं उनको वापस राज्य में बसाने के लिए भी हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिलाने की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कश्मीर में सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि घाटी में जिस तरीके से आईएसआई आतंकवाद फैला कर बेरोजगार लोगों को निशाना बनाता है और उनको अपने मकसद के लिए इस्तेमाल करता है, अब घाटी में केंद्र सरकार की योजनाओं से रोजगार पाने वाले युवाओं की वजह से सारा खतरनाक खेल खत्म हो रहा है। इसलिए वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को गुमराह कर कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए फिर से प्रयास कर रहा है।

कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए एक बार फिर से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल के चरमपंथी आतंकवादी जानबूझकर स्थानीय हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को न सिर्फ मार रहे हैं बल्कि दूर-दराज के राज्यों से अपना पेट भरने के लिए आए लोगों और व्यापारियों को भी सॉफ्ट टारगेट करके हत्याएं कर दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में जो हत्याएं हुई हैं वह लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन दि रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकवादी मिलकर कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक टीआरएफ के साथ जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन की स्लीपर सेल सक्रिय हो गई है  इनमें से कुछ टॉप कमांडर को मार गिराया गया है। बहुत जल्द ही कुछ अन्य आतंकवादियों को भी मार गिराया जाएगा। 

Leave a Reply

%d bloggers like this: