बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रही है हिंसा मंदिरों में तोड़फोड़ भी लगातार जारी

ढाका। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा लगातार बढ़ रही है। हिन्दुओं के घर जला देने और उन्हें मारने-पीटने की घटनाएं कई जगह हुई हैं।  नोआखाली में इस्कॉन मंदिर को आग के सुपुर्द तो कर ही दिया गया था, दूसरे कई मंदिरों में भी तोड़-फोड़ की गयी है। 

ताज़ा आगज़नी रंगपुर में हुई है।  रविवार देर रात रंगपुर जिले के पीरगंज स्थित एक गांव में कट्टरपंथियों ने २९ घरों में आग लगा दी।  कहा गया कि एक हिन्दू युवक ने फेसबुक पर इस्लाम का अपमान करती पोस्ट लिखी है।  तनाव की सूचना पर पुलिस की टीम युवक के घर पर पहरा देने लग गई। लेकिन हमलावरों ने गांव में आस-पास के कई घरों में आग लगा दी। प्रशासन ने आसपास के प्रमुख हिंदू मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। 
हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की इन घटनाओं की शुरुआत दुर्गा पूजा के समय से हुई है।  कहा गया कि एक दुर्गा पंडाल में पवित्र कुरान का अपमान किया गया। इसके बाद कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इस दौरान चांदपुर, चटगांव, गाजीपुर, बंदरबन, चपैनवाबगंज और मौलवीबाजार में कई पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की गई।
समझा जा रहा है कि हिंसा की ये घटनाएं अगले साल होने वाले चुनाव को देख कर प्रायोजित की गयी हैं। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने रविवार को दुर्गा पूजा पंडालों पर हुए हमलों को ‘पूर्व नियोजित’ करार दिया और कहा कि इन हमलों का उद्देश्य बांग्लादेश में सामुदायिक सद्भाव को खराब करना है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को कोमिला में हुए हमलों के लिए सैकड़ों नामित और अज्ञात लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए जाने के बाद यह बयान सामने आया है।

गृह मंत्री ने कहा कि कुरान की कथित अपमान और उसके बाद कोमिला में हिंदुओं पर हमले पूर्व नियोजित थे और इसका उद्देश्य बांग्लादेश में सामुदायिक सद्भाव को चोट पहुंचना था। हमें ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक निहित समूह द्वारा उकसाया गया एक प्रेरित कार्य था। जब उनसे कोमिला घटना के पीछे के कारण के बारे में पूछा गया, तो मंत्री ने कहा कि हम सभी सबूत मिलने के बाद इसे सार्वजनिक करेंगे और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।

चित्र: नोआखाली में जला दिया गया इस्कॉन मंदिर 

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